भूत वाली कहानी Can Be Fun For Anyone
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अपनी पत्नी की बात सुनकर वह शख्स और भी क्रोधित हो गया और लड़ने के लिए मोहन की ओर झपका। शख्स को रोकने के लिए मोहन ने अपने लोहे की छड़ उसके सिर पर रख दी, जिससे वह आदमी वहीं मर गया। यह सब दृश्य देखकर उसकी पत्नी रोने लगी। माहौल को देखकर पहलवान वहां से जाने लगा तो उस औरत ने मोहन को रोक लिया और कहने लगी कि उसके पति के अलावा घर में कमाने वाला कोई नहीं था और उनकी मृत्यु के बाद अब तुम्हें हमारे साथ ही रहना होगा।
एक रात, गाँव का एक युवक, राजा की आत्मा से मिलने का निर्णय करता है। उसने सुना था कि अगर कोई व्यक्ति रात के समय में उस कब्र के पास जाता है तो राजा की आत्मा से मिल सकता है और वह उसे कुछ अद्भूत रहस्य बता सकता है।
पापा :बेटा उसके बारे में सोचना बंद करो.. हम नहीं जा सकते कुएं के पास..
यही वो समय होता है जब सांप भी डर के वशीभूत इंसान पर हमला करता है फुफकारता और इंसान को दूर करने का प्रयास करता है। ठिक वैसे ही रूहें भी एकेले इंसान या शांत जगहों पर जहां उनका बसेरा होता है वहां से इंसान को हटाने के लिए अपने होने का आभास कराती हैं। ये रूहें शरीर विहीन होती हैं इसलिए प्रत्यक्ष रूप से आपके समाने नहीं आ सकती, लेकिन आस पास के वातावरण में बदलाव करके, अजीब सी खुश्बु पैदा कर, हवा का सहारा लेकर वो इंसानों को डराने का प्रयास करती हैं।
एक दिन भूतों के गुरुजी सभी भूतों से मिलने पीपल के पेड़ पर आते है। सभी भूतों को दुबला पतला देखकर उनसे कारण पूछते है।
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एक दिन उसी check here शोरूम में मालिक की बहन लक्ष्मी बड़े आत्मीय भाव से अकेले शोरूम के एक कमरे में बात कर रही थी। " डैडी , डैडी कहते हुए बात कर रही थी। उसे देख हमने मालिक को बुलाया। वे आये और बोलने लगे,
राज और सुनील ने एक बड़े से बंगले की ओर बढ़ते हुए देखा कि वहां एक बड़ा मेला चल रहा था। मेले में भूतों के साथ-साथ जिन्न और चुड़ैलें भी थीं। लोग खुशी-खुशी मेले में भाग ले रहे थे और भूतों की दुनिया में एक अलग ही रंग-बिरंगी दुनिया थी।
उन्हें एक औरत भी चलती हुई दिखाई दी लेकिन जब उस पर टॉर्च की रोशनी डाली गई तो वह दरवाजे में समा गई.लोगों का मानना है कि वैले हाउस में जितने भी लोगों की मौत हुई आज भले ही वह इंसानी शरीर के साथ इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन आत्मा बनकर वह आज भी यहीं भटक रहे हैं। भूत की कहानी डरावनी।
" हाँ चिन्नू , क्या तुमने रेलवे स्टेशनों के शौचालय में हातों के निशान देखें हैं? उन्होंने पूछा।
. सोनू घबराकर कुए के पास से चला जाता है और गांव वालों को कुए की बात बताता है..
सोनू : मुखिया जी उस कुएं में कोई भूत नहीं है.. मैंने धनिया चाचा को उस कुएं से बाहर आते देखा है..
इन तीनो राजाओ की समाधि इसी चर्च में बना दी गयी
. बंटी के जाने से सबको हमारे बारे में पता लग जाएगा इसलिए हमने बंटी को कैद कर लिया..